Considerations To Know About sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
Draw a line from the Sahasrara. Within the junction in which the eyes, ears, nose and mouth unite on that axis, that is definitely The situation of intensity On this meditation.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
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जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे ।
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)